मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

यूँ मजहबों में बंट के ना संसार बांटिये- gazal

ग़ज़ल
यूँ मजहबों में बंट के ना संसार बांटिये !
कुछ बांटना है आपको तो प्यार बांटिये !!

आंगन मे खून कि न

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