गुरुवार, 5 नवंबर 2015

सरहदें

बांध रखा है तुझे और मुझको भी इन हदो ने
पर ये हदें क्या हैं ?
खफा हैं दो मरुभूमि इक-दूजे से;
वो सरहदें क्या हैं ?
चुनिंदा जमीनी टुकड़ो का ,
जमा है ढेर…
हकों के दस्तावेजो का।

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