।।गजल।।इंतजार न था।।
प्यार की शौक न थी गम का इंतजार न था ।।
हर किसी को देखा पर क़िसी को प्यार न था ।। 1।।
हर शक्श दूरियों में था बेबसी का मारा ।।।
जबकि उसे तो खुद पर ही एतबार न था ।। 2।।
हर फूल खुशनुमा था बस उम्र भर ही यारो ।।
फिर तो ख़ुशी का उनके कोई आशार न था।। 3।।
हर तरफ बेवफाई हर और बेरुखी थी ।।
हर दिल पड़ा था खाली कोई दिलदार न था ।।
लाख कोशिशे की पर हार कर मैं आया।। दिल एक ही था मेरा पर कोई तैयार न था ।।5।।
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