बहुत कुछ सिखाया हैं आशिकी ने! नींद और सकून उडाया हैं आशिकी ने!! ये पूछों क्या क्या भूले आशिकी में! तुृझे छोड सब कुछ भुलाया हैं आशिकी ने!! अविनाश कुमार
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