।।गजल।।आदमी ।।
पास आकर मंजिलो पर ढह गया हर आदमी ।।
जिंदगी को खोजता ही रह गया हर आदमी ।।1।।
शौक तो सबको रही दिल में बसाने के लिए ।।
पर प्यार के ही खौफ से अब डर गया हर आदमी ।। 2।।
जब चला तो भीड़ थी काफिले में वह चला था ।।
लौट कर आया अकेला रह गया हर आदमी ।। 3।।
तब सजा मिलने लगी बेगुनाहो को यहा ।।
जब दिलो की शौक से भर गया हर आदमी ।।4।।
खुदगर्जी की वजह से जब रूह तक बिकने लगी ।।
तब आंशुओं की बूँद सा ढह गया हर आदमी।।5।।
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