दुनिया में बेटी जैसा अनमोल वरदान नही,
पाना हो या देना इससे बड़ा कोई दान नही ,
मिलती है ये दौलत सबको अपने-२ नसीब से,
इसका क्या लेना देना किसी अमीर -गरीब से,
तन, मन से अपना जीवन अर्पण करती,
फिर भी अपने लिए जीवन को तरसती,
बिन नारी के कोई दुनिया को देख पाता नही,
सबको मालूम मगर ये किसी की भाती नही,
वजूद से इसके पाया हर कोई पहचान अपनी,
जाने फिर क्यों दुनिया इसकी दुश्मन बनी,
बेटियो से बनते माँ, बहन,से रिश्ते जिंदगी में,
अलग- 2 रूप लिए शामिल सबकी जिंदगी में,
फिर पाती क्यों ये बराबर का सम्मान नही,
जाने क्यों मिलती इन्हे अपनी पहचान नही ,
मत भूलो दुनिया वालो बिन बेटी संसार नही
करो प्रण,कन्या अत्याचार अब बर्दास्त नही
दुनिया में बेटी जैसा अनमोल वरदान नही !
पाना हो या देना इससे बड़ा कोई दान नही !!
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डी. के निवतियाँ_______@@@
मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015
अनमोल वरदान
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