hindi sahitya
रविवार, 26 अप्रैल 2015
चमचागीरी-36
कितनी सदियाँ बीत जाएँगी तुझे समझाने में;
हर जगह चमचे ही लगे हैं तेरी लुटिया डुबाने में
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चमचागीरी-36
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