hindi sahitya
रविवार, 19 अप्रैल 2015
चमचागिरी-12
जब भी कभी बॉस के कान खुले और आँखें बंद होते है;
चमचों के मुंह खुले और हौसले बुलंद होते हैं.
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चमचागिरी-12
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