hindi sahitya
रविवार, 19 अप्रैल 2015
चमचागीरी -17
मेरे खुद के तजुर्बे से यह बात समझ में आयी है;
मेहनती मरते है भूखे चमचे खाते दूध मलाई है.
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चमचागीरी -17
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