hindi sahitya
सोमवार, 20 अप्रैल 2015
चमचागीरी-२२
हम सोचते थे आप हमेशा मस्त रहते हैं;
आज हमें पता चला आप भी हमारी तरह चमचों से त्रस्त रहते हैं.
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चमचागीरी-२२
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