खुदा ने जब तुझे इस जहा मे उतारा होगा
उसे भी पता था एक दिन तु हमारा होगा
चुरा लेगे दुनीया से तुझे हम उस दिन
सोया आसमान मे जिस दिन हर एक सीतारा होगा
तेरी चाहत के सागर मे उम्मिदो कि एक कश्ति होगी
उस कश्ति के लिये मेरी मोह्ब्बत का कीनारा होगा
छू जाये अगर कोइ हवा खामोशी से तुम्हारे गालो को
समझ जाना की दिल से मैन ने तुम्हे पुकारा होगा
अब तेरे बीना जिन्दगी का ना गुजारा होगा
इस दिल तेरे सीवा कोइ और ना गवारा होगा
मुद्द्तो बाद कि है आज मे ने तुझसे मोहब्बत
तु भी चला गया तो मेरा कोइ ना सहारा होगा
Read Complete Poem/Kavya Here मैन ने तुम्हे पुकारा होगा......
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