रविवार, 12 अप्रैल 2015

इश्क जानिये।

जिक्र हो किसी का बार बार तो उसे इश्क जानिये।
हर आहट करने लगे बेकरार तो उसे इश्क जानिए।
तन्हाई जब गुनगुनाने लगे कोई यादों की गजल।
खुद से भी ज्यादा हो ऐतबार तो उसे इश्क जानिए।

रातों में करवटें बदलने लगें तो उसे इश्क जानिए।
ख़्वाबों में कोई मिलने लगें तो उसे इश्क जानिए।
आग में जलेंगे ही जलना आग की फितरत है
बारिश में भी जो जलने लगे तो उसे इश्क जानिए।

धूप में छाँव का एहसास हो तो उसे इश्क जानिए।
दूर होकर भी कोई पास हो तो उसे इश्क जानिए।
महफ़िल में नज़र बस किसी एक को तलाश करे
जब हजारों में कोई खास हो तो उसे इश्क जानिए।

वैभव”विशेष”

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