यह कविता मैंने अपने दोस्त को उसके जन्मदिन पर भेट की थी, आज आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ !!
तुम्हे आज क्या दू मै तोहफा,
कुछ भी तो नहीं पास मेरे देने के लिए !
देता हु तुमको आज कुछ
शब्दों की माला जीवन में अपनाने के लिए !
राह कठिन हो न घबराना,
कांटे से गुजरना जरुरी है फूल पाने के लिए !
सुख दुःख है जीवन का फेरा,
हर शै: को अपनाना, सफलता पाने के लिए !
चलना सदैव सत्य और प्रगति के पथ पर
बहुत जरुरी है जीवन में आत्मसम्मान पाने के लिए….!!
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तुम्हारा शुभाकांक्षी ……!!
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डी. के. निवातियाँ ………!!
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