” बेटी बचाओ ,बेटी पढाओ ” अभियान हेतु विशेष
बधाई हो ,बेटी हुई है …. (कविता)
उत्सव भरा दिन हुआ आज ,
गाओ सब मिलकर मंगल गान। ।
जिसकी मधुर किलकारी सुनकर ,
हमारे अधरों पर खिली मुस्कान।
ख़ुशी ने हमारे दिल से है कहा,
बधाई हो ,बेटी हुई है…..
कन्या -रत्न की प्राप्ति से ,
जीवन में आई खुशहाली।
नन्ही कली के आगमन से,
ज्यों बगिया में छाई हरियाली।
डाल के हर फूल ने हंस कर कहा ,
बधाई हो ,बेटी हुई है। ……
सूना था आँगन अबतक मगर ,
अब होगी पायल की रुनझुन।
नन्ही परी के नन्ही कलायीओं ,
से होगी चूड़ियों की खन-खन।
खुशकिस्मती ने चहककर कहा ,
बधाई हो , बेटी हुई है। ……
हमारी आँखों की ज्योति वोह ,
है हमारे दिल का करार।
एक पल भी अच्छा न लगे ,
जबतक न ले उसे हम निहार।
हमारी चाहतों ने हमसे कहा ,
बधाई हो ,बेटी हुई है। ……
उसकी मीठी तोतली बोली से
मानो शहद छलकता है।
सुनकर उसकी हँसी को ,
मन ख़ुशी से झूम जाता है.
हमारा भाग्य इतराकर कहता है ,
बधाई हो ,बेटी हुई है.…।
यह है हमारी नाज़ुक कली,
संभालना होगा बड़ी नजाकत से.
लग न जाए इसे किसी की नज़र ,
बचाकर रखना होगा नफासत से.
हमारे प्यार व् ममता ने हमसे कहा ,
बधाई हो ,बेटी हुई है। …।
बेटों से बेटी कम नहीं होती हर लिहाज़ से ,
बुद्धि -कला -कौशल या कोई भी खेल से ,
वोह है देवी लक्ष्मी ,सरस्वती स्वरूपा,
और सुसज्जित है नव दुर्गा की शक्ति से.
हम है एक बेटी के माता- पिता ,
हमारे गौरव ने शान से कहा.……
बधाई हो ,बेटी हुई है…..
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