मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

बचपन की बात

तीस की उम्र की दहलीज पर खुले मन से अपने बचपन के बारे में सोच रहा था |
बचपन का एक एक पल सुनहरा होता है
बचपन अपने आप में अनमोल होता है |
बचपन दो तरह का होता है : सुविधापूर्ण बचपन और अभावग्रस्त बचपन |
सुविधापूर्ण बचपन जाडो की रातो में बंद कमरे में कम्बल ढक कर सोता है |
वही दूसरी ओर अभावग्रस्त बचपन खुले आकाश के नीचे सोता है |
अभावग्रस्त बचपन गरीवी और मुफलिसी में भी जीता है
बचपन का एक एक पल सुनहरा होता है

बचपन अपने आप में अनमोल होता है |

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