गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

निरंतर चलना मानव जीवन का नाम है

निरंतर चलना अपने और दूसरो के लिए जीना मानव जीवन का नाम है |
पानी भी निरंतर बहता है और सब की प्यास बुझाकर उनको शीतलता देता है |
हे मानव , निरंतर चलना तेरा काम है और दूसरो के लिए जीना तेरा मानव कर्तव्य है |
नर हो और नहीं निराश करो अपने मन को, ऊर्जावान रहना और निरंतर चलना मानव तेरा काम है |
भूत का विचार कर अपने समय को मत ख़राब कर और भविष्य के बारे में विचार कर |

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here निरंतर चलना मानव जीवन का नाम है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें