सवालो में है जो सबकी नानी, करती है वो बाते अनमोल अच्छे बुरे की पहचान कराती पद, प्रतिष्ठा, सम्मान दिलाती कही पे पर्वत, कही पे पानी सूरज लाल दीखता क्यों पंछी गगन में उड़ता कैसे दिन -रात का चक्कर क्या है आओ बच्चो तुम्हे बताये इन सबका राज
जबाबो की बनी वो महारानी
कोई राजा हो या कोई हो रंक
अपने में सेमटे सबकी कहानी
चाहे इतिहास हो, या भूगोल
भले पृथ्वी हो या फिर आकाश
अँधेरे में दिखाती सबको प्रकाश
सही गलत का ज्ञान कराती
चाँद पन्नो में खुद को समेटे
दुनिया भर का ज्ञान लपेटे
सबके सपने को साकार कराती
अज्ञानी को जो विद्वान बनाती
निश दिन नए आयाम दिलाती
कही पे जंगल, कही पे खाली
धरती क्या है, अम्बर क्या है
दुनिया में जीवन संसार क्या है
चंदा दूध सा सफ़ेद क्यों
टिमटिमाते सितारे क्यों
फूल सुगंध बिखराते क्यों
मछली जल में रहती कैसे
बादल पानी बरसाता कैसे
बिजली नभ में कड़कती कैसे
सर्दी गर्मी का मौसम क्या है
ज्ञान विज्ञान का खेल क्या है
एक दूजे से सबका मेल क्या है
जो समझ गया ये बाते, वो पहनेगा ताज
जहाँ मिलेगा तुमको हर सवाल का जबाब
उस अनमोल खजाने को कहते है “किताब”
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डी. के. निवातियाँ ________@@@
शनिवार, 4 अप्रैल 2015
"किताब"
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