शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

।।ममता जागी।।हाइकू।।

।।ममता जागी।।हाइकू।।

ममता जागी
डोली की सहनाई
अपने घर

बिटिया रानी
बरसो से कहती
चली जाउंगी

उमड़ पड़ा
रुका हुआ स्नेह
आंशू की धार

***

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here ।।ममता जागी।।हाइकू।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें