गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

ये दुरिया

दूरिया दिलो को पास लाती है
अपनों की कीमत का अहसास दिलाती है
दिल को और जोर से धड़कना सिखाती है
किसी को तुम्हारी चिंता है ये बताती है
पास आने की ख़ुशी बहार की तरह आती है
बिछोड़े की तकलीफ उसे पतझड़ बना जाती है
जब कभी अपनों की याद आती है
तब दूरिया आँखों में आंसू दे जाती है
कभी कभी ऐसा भयंकर मंजर दिखा जाती है
उनकी मौजूदगी आग की तरह जल जाती है
पीछे सिर्फ यादो की काली राख ही रह जाती है
पर फिर भी दूरिया दिलो को पास लाती है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here ये दुरिया

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें