कभी ढूंढना नहीं पड़ता ,हर जगह मिलते हैं, हर जगह चमचों का समूह है; कब तक लड़ेगा अकेला अभिमन्यु, जब हर जगह चमचागीरी का चक्रव्यूह है.
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