ओ सदगुरु प्यारे !
अपना हमे बना ले, चरणों में अब लगा ले
ओ सदगुरु प्यारे, अपना हमे बना ले
तुम बिन नही है कोई, सुध बुध जो ले हमारी
है खूब खोज देखा, मतलब की दुनिया सारी
धोखे के जाल से अब, भगवन हमें छुड़ा ले
चरणों में अब लगा ले
कोई नही है संगी, दिन चार के हैं मेले
संबंध इस जगत के सब झूठ के झमेले
तू ही ना बाह पकड़े, तो कौन फिर सम्भाले
चरणों में अब लगा ले
सत् और असत् का भी भगवान ज्ञान दे दे
अभिलाषा अब यही है, भक्ति का दान दे दे
हम प्रेम के हैं प्यासे, दे प्रेम के प्याले
चरणों में अब लगा ले
किरपा से अब मिटा दे, दुःख दर्द गम बखेड़ा
बस एक नजर से तेरी, हो जाये पार बेड़ा
भव सिन्धु है भयानक, दासों को अब तरा ले
चरणों में अब लगा ले
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