- कोरे कागज पे लिखी ये ग़ज़ल आखिरी है !
ना समझ यार के मेरा ये सफर आखिरी है !!आज नकारा है तूने जिस कदर मेरी वफ़ा को !
ढूँढोगे एक दिन उस दर्द का असर आखिरी है !!कोई सम्भाले मुझे की वक़्त अब हो चला !
इन डगमगाते कदमो की आहट आखिरी है !!आ खो जाए एक दूजे में हम कुछ इस कदर !
न रहे ये गम की आज मुलाक़ात आखिरी है !!हम वो नही जो छोड़ से साथ हाथ पकड़कर !
करे अफ़सोस मौत भी की मिलन आखिरी है !!डी. के निवातियाँ __________!!!
Read Complete Poem/Kavya Here मिलन आखिरी है.....
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