शुक्रवार, 22 मई 2015

चला गदेलव ढुक्कुल खेली

।।चला गदेलव ढुक्कुल खेली।।

अउर तनी के साम होइदया
जा आवा गोलिया धइके ।।
ढूढ़ि न पाउब्या थकि जाब्या पर
मजा मिले धुंधलउके।।
जुग्गू काका के मढ़ई के
लुका छिपी में हम सब ठेली ।।
चला गदेलव ढुक्कुल खेली।।1।।

गड़हिस लइके बसवरिया से
आगे केहू न जाये ।।
खलिहाने में केहू लुकाये
ओकर मानि न जाये ।।
सुने रहे हम उपड़उरे मे
बाटै भुतहा तेली ।।
चला गदेलव ढुक्कुल खेली।।2।।

सौ तक गिनती गिनत रह्या तू
पीछे तनिक न आया।।
कूकी बोलब तबै आइके
सबके टीप लगाया ।।
धक्का मुक्किस बचा रह्या
केह्य न ढकेल ढकेली ।।
चला गदेलव ढुक्कुल खेली ।3।।

गिरी दलनिया में न जाया
करया न झगड़ा टन्टा ।।
अरे बन्नवस बचा रह्या सब
बाटै पक्का बेइमण्ठा ।।
तबौ हम शबे देखा ओनका
बनये अही सहेली ।।
चला गदेलव ढुक्कुल खेली4।।

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