बुधवार, 14 अक्टूबर 2015

Ouch! It hurts

कभी भी,
इस नाज़ुक दिल को न दुखाना।
क्योंकि इसकी मरम्मत के लिए,
लगेगा एक पूरा ज़माना।

इसे नज़रअंदाज़,
करने की हिम्मत न करना।
क्योंकि यह दिल,
दूसरे दिलों को रग-रग से है पहचानता ।

इसे तोड़कर,
मिलेंगे सिर्फ काँटे ।
मिलकर भी,
बढ़ेंगे फ़ास्ले।

Ouch! It hurts,
कहेगा यह दिल,
और दूर होती जाएगी,
तेरी मंज़िल।

इसे खिलवाड़,
बिलकुल पसंद नहीं।
जो भी इसे धोखा देता है,
वह ज़्यादा देर तक ज़िंदा रहता नहीं ।

Ouch! It hurts,
कहे यह दिल मेरा।
क्योंकि इसका विश्वास,
हर कोई है तोड़ता।

इसे मरहम लगाने वाला,
काश कोई मिले।
इसी ज़िंदगी के अँधेरे में,
आकर इससे लग जाए गले।

कभी न बिछड़ने का,
वादा कर बैठे ।
उसे निभाए हर दम,
फिर कभी इस दिल को न तोड़े ।

दूसरों के आक्रमण से,
बचाकर रखे सदा।
दुआ करेंगे उसके भलाई के लिए,
की हर चोट के लिए उसे मिले दवा ।

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