हर कोई शख्स परेशान इस जहान में
सबको फिक्र किसी न किसी काम से
कोई डरे भगवान से, कोई डरे बलवान से
बनी रहती यहाँ हर पल सबकी जान पे
समुद्र में चलता नाविक डरता तूफान से
घर में बैठा कंजूस सदा डरता मेहमान से
अमीर को रहती चिंता हमेशा झूठी शान की
गरीब को फ़िक्र वही रहती सदा सम्मान की
सीमा पर जवान को चिंता अपनी आन की
कही रणभूमि में फ़िक्र करे कायर जान की
पायलट को चिंता रहती सदैव उड़ान की
मुसाफिर फ़िक्र करे, अपने सामान की
दुनिया में संत करते चिंता जहान की
घर में फ़िक्र लगी बड़ो को सम्मान की
विद्यार्थी को चिंता रहती अपने इंम्तिहान की
कही फ़िक्र लगी रहती व्यापारी को नुक्सान की
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डी. के, निवातियाँ ________@@@
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