शनिवार, 2 मई 2015

फेसबुकिया -३ कवि विनय भारत

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माता की गोद में जब जब पुत्र किसान
के आंसू होंगे
तब तब शेषनाग की सांसों के परवाने
होंगे
बेटे बेटे ही जब जब राजनीति का
ताना बाना बुनते हैं
तब तब धरती मां के आंसू धरती फोड
निकलते हैं
to be
continued…
kavi vinay bharat

11
Teri meri kahani ek jaisi h
hum dono hi dil ke bazar me khafa
khafa se h

kavi vinay

12
तुम कहती हो मैैसेज ना किया करो
Fb पर
आखिर तुम मुझे ब्लोक क्यू़ नहीं कर देती

कवि भारत

13

Chal sun pagali main tera na ho
saka to na sahi
Mujhe tu meri matra bhoomi se
alag to na kar..

Kvi vinay

14

Achcha to hum chalte h

Hum tujhe miss karte h

Dil ki nadi h chanchal

Him naiya par karte h

Achcha to hum chalte h

Kavi vinay bharat

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