।।ग़ज़ल।।यांदे शिहर जायेगी।।
शाम धुँधली, हम उदास, रौनक बिखर जायेगी ।।
इन आँखों में तेरे प्यार की हर बूँद उभर जायेगी ।।
ऐ दोस्त अब कभी भी लौटकर मत आना तुम ।।
वरना तड़प तड़प कर मेरी जान निकर जायेगी ।।
आये ही क्यों गम भरी जिंदगी में दखल देने तुम ।।
अब पलको पर तेरी सूरत की लक़ीरें ठहर जायेगी ।।
आखिर चले ही गये मुझे तन्हा तन्हा करके ।।
तेरी बेहिसाब ख्वाबो में यादें शिहर जायेगी ।।
जा तेरी यादें इतनी कम भी नही कि भूल जाऊ तुमको ।।
मेरे गमो में भी तू मुस्कराती नजर आयेगी ।।
…..R.K.M
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