कम हमे न आंकना, दुनिया कदमो में झुका देंगे !!
भारत भूमि अपनी माता, इस पर प्राण गँवा देंगे !
जो देखे इसे बुरी नजर से, दुनिया से मिटा देंगे !!
इसकी खातिर जीना मरना, करके हम दिखा देंगे !
गौरव इसका बढ़ाने में हम खून पसीना बहा देंगे !!
जन्म लिया इस धरती पर खून से कर्ज चूका देंगे
मिटटी से करे तिलक, तिरंगे को कफ़न बन लेंगे !!
प्रेम ही कर्म, प्रेम ही पूजा, प्रेम का पाठ पढ़ा देंगे !!
हम अमन के है पुजारी,ये भाषा सबको सिखला देंगे !
वतन अपना है हीरे जैसा, रौनक इसकी दमका देंगे !
हिंदुस्तान है जग से न्यारा, दुनिया को दिखला देंगे !!
आये राह में जो चट्टान, उसे मिटटी में मिला देंगे !
दोस्ती के हम पक्के पर दुश्मन को धुल चटा देंगे !!
हम भारत के वीर सिपाही आन पे जान लूटा देंगे !
कम हमे न आंकना, दुनिया कदमो में झुका देंगे !!
डी. के. निवातियाँ _____@@@
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