एक दिन किसी ने मुझसे पूछा तलवार ज्यादा मार करेगी या फूल, मैंने कहा, तलवार, तो उसने कहा फिर कविता में इतना रस क्यूं, सीधे कहो न कि मूर्खों को हमने सर बिठाकर रखा है,
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