।।ग़ज़ल।।बता इसकी दवा क्या है ।।
मिले जो इश्क़ में ताने बता इसकी दवा क्या है ।।
लगे जब हम भुलाने तो बता इसकी दवा क्या है ।।
चलो मैं मान लेता हूँ कि तुमने भूल ही कर दी ।।
मग़र ये दिल न माने तो बता इसकी दवा क्या है ।।
तेरे नज़दीक आने को तरसती रह गयी आँखे ।।
लगे आंशू बहाने तो बता इसकी दवा क्या है ।।
तुम्हारी जिन अदाओ को बनाया इश्क़ का दर्पण ।।
लगे वह दिल जलाने तो बता इसकी दवा क्या है ।।
यहा कीमत नही होती भरोसा टूट जाने पर ।।
करे कोई बहाने तो बता इसकी दवा क्या है ।।
R.K.M
Read Complete Poem/Kavya Here ।।ग़ज़ल।।बता इसकी दवा क्या है ।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें