महान आत्मा
अब्दुल कलम जी
प्रणाम है जी
नहीं भूलेंगे
उनका योगदान
सारा भारत
सबके थे जो
सपने हैं साकार
है नमस्कार
नत मस्तक
सच्चे थे हिंदुस्तानी
दिल रो दिया
युगों युगों में
होता है अवतार
है नमस्कार
आत्मा को शांति
परिवार का दुःख
देश का दुःख
हितेश कुमार शर्मा
Read Complete Poem/Kavya Here श्रद्धांजलि (हाइकू )
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