।।गजल।।तेरी इज्जत नही होती ।।
ऐ दोस्त तू मेरे प्यार की जन्नत नही होती ।।
तो सच है इस दिल में तेरी इज्जत नही होती ।।
लोग करते है दुआ, रब से ख्वाहिशो के लिये ।।
पर मेरे लिये तेरे शिवा कुछ मन्नत नही होती ।।
तू खुशनुमा न होती,तू हमवफा न होती ।।
तो तुम्हे देखने की लत इल्लत नही होती ।।
जब जब मिले है तुमसे ,बस मुस्कराया तुमने ।।
वरना इस तरह बेबस मेरी आदत नही होती ।।
तू जिंदगी का शाहिल, खुद जिंदगी है मेरी ।।
अब तेरे शिवा कुछ भी हसरत नही होती ।।
………..R.K.M
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