ए जिन्दगी तु हि बता मुझे क्या है तु
बेवफाइ मे डूबा एक अधुरा गजल है तु
या मोहब्बत का एक पुरा ताजमहल है तु
रेगीस्तान मे किसि के प्यास कि मन्नत है तु
या बर्फ मे ढकी हुइ खुबसुरत जन्नत है तु
ए जिन्दगी तु हि बता मुझे क्या है तु
किसि भेडिये के हवश कि हैवनीयत है तु
या किसि इन्सान कि इन्सानीयत है तु
किसि के बेशुमार पैसो कि चाहत है तु
या भुखे पेट कि थोडी सी राहत है तु
ए जिन्दगी तु हि बता मुझे क्या है तु
दो प्यार करने वालो के दिल की आग है तु
या मोहब्बत पर लगा बेवफाइ का दाग है तु
तु गीत है तु सरगम है या कोइ साज है तु
मुझे तो लगता है बस एक दर्द भरी आवाज है तु
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें