मांगता हूँ मैं रहमत की भीख ऐ मेरे खुदा
करदे मुझ पे अपनी निगहै करम
गर हो तेरी इज़ाज़त, कर रहा हूँ फ़रियाद
कर लेना कबूल मेरी इबाबत
बन्दे हैं हम तेरे ही ऐ खुदा
करते हैं बस तुझ से यही दुआ
हो अमन, और भाई चारा इस जँहा मैं
है दुश्मन जंहा भाई, भाई का
करदे अपनी हम्दो सना की बारिश या रब
रह सकें सकून से यंहा सब
हो गया है आदमी इस कदर हैवान
आता नहीं नजर उसे इस जंहा मैं इंसान
बरसाओ अपनी रहमत की बारिश ए खुदा
बन्दे हैं हम तेरे और करते हैं बस यही इल्तज़ा
बरसाओ अपनी रहमत की बारिश ए खुदा
बन्दे हैं हम तेरे…….सुन ले तू ये दुआ
By Anderyas
Read Complete Poem/Kavya Here रहमत : Showers of Blessing
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