अभी ज़िंदा हूँ मुझमे चंद लम्हों के आसार बाकी है..! हुआ बर्बाद-ए-गुलिस्ताँ जिसपे अभी उसका दीदार बाकी है..!!
Acct- इंदर भोले नाथ…
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