-: कैसा ये हिंदुस्तान है :-
कैसा ये हिंदुस्तान है।
जहाँ सोया हर इंसान है।।
एक दूसरे की कमियाँ तलासते है
अपने गिरेबां में ना वो झांकते है
कुर्सी के लिए मचा हर तरफ कोहराम है।
आबरू -इज्जत का कोई मोल ना रहा
बिकता है ईमान, चौराहे पर
जैसे हो रहा तमाशा सरेआम है
बेबस आम जनता ,बेहाल ,परेशान है।।
हिन्दू- मुस्लिम ,क्यों हो गए है पराए
बिस्मिला-भगत की याद, कोई इन्हें दिलाए
उस वक़्त,बच्चा -बच्चा गन बोता था
हर सीने में, आज़ाद-अशफाक होता था।
नारी के हाथों में तलवार चमकती थी
सिंदूर की कुर्बानी देने से न डरती थी
जगाना है , सोया जो ईमान है ।।
बहुत हुआ ,अब जागो नींद से यारों
हर देश की नजर हम पर है यारों
खुद को अब तो पहचानों यारों ।
चिंगारी जो बुझ गयी दिलों में
उसको अब मशाल बनाओ यारों
सबको मिलकर साथ चलना होगा
हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, भाई-भाई होगा
दिखा दो “सहगम”,सच से प्रमाण है ।।
( लेखक :- सोनू सहगम )
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