-: मेरी माँ :-
मुझे इंतजार है अब, उस पल का,
जब माँ से मेरी मुलाक़ात होगी ।
सच कहता हूँ – मानो
उस वक़्त, जन्नत पास मेरे होगी ॥
माँ के मुख से निकले हर लफ्ज से,
तकदीर ये मेरी खुल जाएगी ।
ज्ञान का खुलेगा भण्डार,
प्रेम की मुझपर वर्षा हो जाएगी ॥
उनके मार्ग दर्शन से जीवन मेरा,
ये धन्य – धन्य हो जाएगा ।
ममतामय माँ का पाकर प्यार,
ये बेटा क्रतज्ञ हो जाएगा ॥
करुणामय ,देवीस्वरूपा प्रत्यक्ष
चहेरा सामने होगा माँ का ।
एहसास मुझे होने लगा है,
अभी से, उनके अदर्श स्पर्श का ॥
कल्पना मात्र से ये हाल हुआ है,
देखो जरा- इस लाल को माँ ।
माँ की गोद मे जब ,सर मेरा होगा
जाने- उस पल क्या होगा माँ ॥
माँ ! तेरे सदगे मे अब ,
ताउम्र शीश अपना ये झुकना है ।
"सहगम" को क्या अब चाहिए,
मेरी माँ ! प्यार तेरा मुझे पाना है ॥
( लेखक :- सोनू सहगम )
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