सोमवार, 4 जनवरी 2016

मेरी माँ

तूने ही सिखाया ,ज़िन्दग़ी का हर पाठ,
तेरे ही आँचल के नीचे ज़न्नत हे मेरी माँ|

अपने अंशु छुपाकर ,मुझे खुशिया देकर ,
हर पल मुस्कराना ,आदत हे तेरी माँ|

मैं रहू या न रहू,
तेरे सपनो को पूरा करने मे अपनी ज़िन्दग़ी न्योछावार कर देना ,
खुशकिस्मती हे मेरी माँ ..

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