hindi sahitya
मंगलवार, 16 जून 2015
चमचागीरी-89
चमचे चमचागीरी के पाबन्द होते हैं;
इसी लिए उनकी जिंदगी में आनंद ही आनंद होते हैं.
Read Complete Poem/Kavya Here
चमचागीरी-89
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें