- फर्क देखिये दुनिया की नजर का
किस किस नज्ररिये से देखते लोग !
गरीब के घर हंस को बगुला कहे
अमीर के कौवे को हंस बताते लोग !!गरीबी न ढक सके तन को
ये उसकी मज़बूरी बताते लोग !
अमीर जब घूमे अर्धनग्न
सब देख हर्ष से फैशन बताते लोग !!आम आदमी जंगल में खाए
यह उसकी दिनचर्या बताते लोग !
अमीर अगर करे वही काम,
उसे पिकनिक कहकर बुलाते लोग !!गरीब जब फूल पत्तिया खाए,
दुनिया में उसे जंगली बताते लोग !
अमीर दोहराता जब उसको,
विलायती सलाद का नाम देते लोग !!साधारण जन की चुप्पी को,
Read Complete Poem/Kavya Here दुनिया की नजर............ ( जिंदगी पर कविता )
यहां पागलपन कह बुलाते लोग !
दौलत वालो की ये आदत,
शालीनता की पहचान जताते लोग !!
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डी. के. निवातियाँ ________@@@
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