एक तमन्ना इस दिल की लम्हा ख़ुशी का हो या गम का, जिंदगी की अनजान राहो में, सागर की आगोश में सूरज छुपे, लिखूं जब भी कोई ग़ज़ल, एक तमन्ना इस दिल की
जिंदगी में तेरा साथ हो !
पग से पग मिला के चले
आरजू ये दिन रात हो !
हर पल में तेरा साथ हो !
मै चलू कांटो पर या फूल पर
हर सफर में तेरा साथ हो !
तेरे आँचल की छाँव हो !
भीगे तन मन से हम दोनों,
जब प्यार की बरसात हो !
कोई ऐसी मतवाली शाम हो !
ठहर जाए वक़्त का हर लम्हा,
जहां न दिन हो न रात हो !
उसमे तेरा ही नाम हो !
चले संग संग उन किनारे की तरह,
मिलन की जिनके आस न हो !
जिंदगी में तेरा साथ हो !
पग से पग मिला के चले
आरजू ये दिन रात हो !
!
!
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डी. के. निवातियाँ _____!!!
मंगलवार, 9 जून 2015
तमन्ना
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