शुक्रवार, 1 जनवरी 2016

लो आ गया......नया साल

लो आ गया मै
फिर से….!!!
आपका नया साल
लेकर नई आशाये
और नई उम्मीदे
कुछ नए सपने
राहें भी साथ है
मंजिल की आस है
मिलेगी उसे ही
नियति जिसकी साफ़ है
कर्म तो सभी करते है
मनुष्य से लेकर
पशु, पक्षी, कीट पतंगे
प्रत्येक प्राणी !
मगर कर्म के रूप भिन्न है
कारक भिन्न है,
तद्स्वरूप फल भी भिन्न ही होंगे !
मात्र कर्म ही साधक नही
सत्यमार्ग पर चलने के लिए
संग में सत्यनिष्ठा, कर्तव्यपरायणता
के साथ साध्य होना भी जरुरी
और अति महत्वपूर्ण उसके प्रति
सटीक दिशा में द्रवणशीलता
तो जो मैंने कहना था
कह दिया अपने परिचय
के साथ आगाह करना
अपना कर्तव्य समझता हूँ
वैसे आप जग के
सबसे सृजनशील प्राणी हो
जाने वाला साल भी
बहुत कुछ सीख देकर गया होगा !
अपनाना आपकी इच्छा पर निर्भर करता है
चलो चलते है फिर एक नए सफर पर
मिलकर साथ साथ , देखते है
अंत तक आते आते क्या करोगे !
आशा करता हूँ भविष्य को भूत से बेहतर ही करोगे !!
धन्यवाद !! आपका नया साल !!
!
!
!
[——डी. के निवातियाँ——-]

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