रविवार, 3 जनवरी 2016

सबका हैं! by ALOK UPADHYAY

न तेरा है न मेरा है हिन्दुस्तान सबका हैं ।
नही समझी गई यह बात तो नुकसान सबका है।।
जो इसमें मिल गई नदियाँ वो दिखाई नही देती।
महासागर बनाने मे मगर एहसान सबका है।।
हजारों रंग-खुशबू -नस्ल के फल-फूल पौधे है।
मगर गुलशन की इज्जत -आबरू -ईमान सबका है।। 1914088_1658326221115283_1484452592524357367_n

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