हाइकू।उगता चाँद ।
लड़कपन
कल्पना का भविष्य
उगता चाँद
निशा बावरी
रचती प्रतिबिम्ब
चाँद सितारे
देखे अबोध
भविष्य का दर्पण
किलकारियां
हर्षित मन
पकड़ता चांदनी
चाँद के साथ
चन्दा मामा भी
बनते सेंटाक्लॉज
लाते खुशियां
@राम केश मिश्र
Read Complete Poem/Kavya Here हाइकू।वक्त की चाल।
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