मेरे सिरहाने रहकर भी
मुझसे रूठी है किताबे
कुछ टेबल पर,कुछ पलंग
नीचे जा छुपी
आधी पढ़ी, आधी बाकी
कोने में रखी किताबे
हमेश पढ़ी जाने के इंतजार में
अलमीरा में सजी किताबे
ख़ामोशी से जिंदगी का साथ निभाती
मेरी दोस्त किताबे..
Rinki
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