पंखो को फैला ऊपर आसमा मे उड जाऊ मै ।1
तितली बन पूरे – पूरे जंहा मे मडराऊ मै । 2
ना उलझन रोके मुझको कोई वे निशाँ बने । 3
हवाओ संग फैले प्रसिद्धि मेरी पाँव मेरे जमे । 4
मेरे सपने होगे पूरे कोई ना रोकना मुझे । 5
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