हिंदी साहित्य परिवार के सभी कविगणों को
डी. के. निवातियाँ एंव परिवार की और हार्दिक बधाई !!
वर्तमान को परिवर्तित करे भूतकाल में
बीते हुए लम्हों को अब हम देते विदाई
भविष्य का हर पल रहे खुशियो से भरा
ऐसी मंगल कामनाओ संग हार्दिक बधाई !!
पल, दिन, महीने, साल गुजरते जाते है
कभी सोचा क्या की हमने इनमे कमाई
अच्छा किया, बुरा किया, जो भी किया
अब क्या हो सकेगी उसकी फिर भरपाई !!
अब तक जो हुआ, सो हुआ भूल जाना
आने वाला पल न हो हमसे कोई बुराई
प्रेम, सौहार्द, सद्भावना का हो विकास
भविष्य में करेंगे कार्य जिसमे हो भलाई !!
नए वर्ष के शुभागमन से हो उल्लास
सबके घरो में खुशिया की बहार छाई
हाथ जोड़कर ईश्वर से करते प्रार्थना
सबके हिस्से में हो बस खुशिया आई !!
जाते जाते ये वर्ष पुराना कह रहा है
छोड़कर जा रहा हूँ कुछ कोरे कागज़
नव रंग जीवन के तुम इनमे भरना
करना ऐसे कर्म, जग में हो तेरी वाहवाई !!
वर्तमान को परिवर्तित करे भूतकाल में
बीते हुए लम्हों को अब हम देते विदाई
भविष्य का हर पल रहे खुशियो से भरा
ऐसी मंगल कामनाओ संग हार्दिक बधाई !!
!
!
!
–::०::— डी. के. निवातियाँ –::०::—
Read Complete Poem/Kavya Here नव वर्ष की बधाई ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें