महलों में होता था एक कोप भवन
रानियां जब उदास होतीं रो आती थीं
मन हो जाता था हल्का
रूठ गईं रानियां तो मना आते थे राजा।
घरों के मानचित्र में ढूंढ़ता रहा रोआन घर
जब कभी कोई रोना चाहे तो चला जाए
घर के मानचित्र में मिलता है देवता घर
जब घर का मानचित्र बनाया जाए।
घरों में रोआन घर भी बनाया जाए
जब कोई भारी हो रो आए
मन का बोझ शांत हो जाए
देखना राजमिस्त्री कोई छेद न छोड़ जाए।
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