मेरा भी नसीब है मालिक| तू मेरे करीब है मालिक| दिल बगदाद का खलीफा है| तन बिलकुल गरीब है मालिक| मैं कंजूस हूँ हठीला हूँ, रग रग में गुरुर है मालिक| क्यों मुझको बना दिया ऐसा, क्या मेरा कुसूर है मालिक|
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