परदे के पीछे का गफ़लत कौन जानता है |
बेगुनाह जेल में,गुनाहगार आज़ाद घूमता है |
झूठ को सच साबित करने में देर नहीं,
बेमौसम यहाँ लोगो का ईमान बदलता है |
फूटपाथ में सोने के लियें मजबूर है गरीब,
पर यहाँ अमीरों काला धन विदेश भेजता है |
कुछ लोग है यहाँ पर देश के दुश्मन ,
यहीं कुछ लोग नफ़रत का बीज बोता हैं |
क्यों लोग अंधे हो जाते है इस कदर ,
बिना सोचे-समझे अपना ही घर जलाता है |
माना कि कुछ उथल-पुथल है देश में ,
पर इस धरा से प्रेम हर भारतीय करता है |
Dushyant kumar patel
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